दिल से हेट
क्या आपने डेमन की कहानी पढ़ी है। जिसे सौदागर भी कहा जाता है। ऐसा ही कुछ आप इस नोवल में पढ़ेंगे। जो अनिका और अध्विक के बीच के एक दिलचस्प सौदे की दस्ता है। “मेरा नाम है अनिका मितल…” …और मैं अपनी शादी से ठीक पहले भाग रही हूँ। क्या? हाँ, भाग रही हूँ। सनफ्लावर वाली साड़ी, 3 इंच हील्स, और आंखों में काजल की लाइन — मगर दिल में ज्वालामुखी सा उबाल और दिमाग में बस एक ही ख्याल— "ये मैं क्या कर रही हूँ?" (पता नहीं, पर वापस भी नहीं जा सकती।) तुम्हें शायद लग रहा होगा कि “अरे ब्राइड है, डलहौज़ी जाना था, मंडप जाना था”… नहीं। मैं तो कोर्ट जा रही थी। किसलिए? फेक शादी के लिए। हाँ, सुनकर अजीब लगता है। मुझे भी लगा था। पर जब आपको खुद के फैमिली वाले और दुनिया वाले सब कुछ 'सेटल' करने के चक्कर में जोर लगा रहे हों, तो आप अपने दिमाग का कनेक्शन ही बंद कर देते हो। मैं यहां प्लान कर रही थी अपनी फ्रेड के साथ मिल कर एक फेंक मैरिड जिसकी सारी तैयारी हो चुकी थी बस दूल्हे का इंतजार था। फ़िलहाल अभी मुझे ये शादी करनी थी। और तभी एक नौजवान फोन पर बाते करते हुए। मेरे पास आ कर बोलता है। क्या हमें लेट नहीं हो रहा। मैं गर्दन उठा कर देखती हु। एक हटा कटा आदमी मुझे ये बोल रही था। ऐसा नहीं था मैंने उसे पहले नहीं देखा था। न्यूज चैनल की स्क्रीन पर — उसके नाम के साथ चर्चे थे... "माफ़िया से जुड़े कनेक्शन्स", "बिज़नेस टाइकून", "एक्स्ट्रा-साइलेंट इन्फ्लुएंसर" आदि। वो अचानक मेरा हाथ कसकर पकड़ता है और जल्दी में बोलता है — > “लेट्स गो।” उसके शब्दों में हुक्म था, जैसे मेरे पास कोई चारा ही नहीं। मैं धीरे से जवाब देती हूँ— > “अनिका... अनिका मित्तल।” लेकिन वो सुनने के मूड में नहीं था। उसकी चाल, उसकी साँसें — सबमें अजीब सी जल्दी। वो शहर की भीड़ से लेकर कोर्ट के बड़े दरवाज़े तक मुझे खींचता हुआ लाया। जैसे किसी मिशन पर हो। कोर्ट के अंदर… दस्तावेज़ पहले से रखे थे। गवाह ख़ामोशी से खड़े थे। और मुझे एहसास हुआ — यहाँ सब कुछ पहले से तय था। सिवाय मेरे। वो बिना एक पल रुके मेरी तरफ पेन बढ़ाता है। मैं बस सांस लेती हूँ… और साइन कर देती हूँ। बिना सोचे। बिना रुके। क्योंकि सच ये है — यह शादी मेरे लिए जरूरत थी। वजह मैं नहीं बता सकती… पर मुझे शादी करनी थी। किसी से भी। अभी। और वो कौन है… क्यों है… ये सोचना भी मेरे luxury में नहीं आता। साइन होते ही उसने दस्तावेज़ उठा लिया, जैसे सौदा पूरा हो चुका हो। उसी पल मुझे लगा। ये आदमी बहुत अजीब है क्या मैने सही किया जो भी ये सिर्फ फेंक है।

